रतन टाटा का एक कॉल ने बदल दी Repos Energy की किस्मत

भारत के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के बारे में आप सभी जानते ही होंगे। रतन टाटा की एक कॉल ने रेपोस एनर्जी की किस्मत को बदल दिया आइए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।


रिपोस एनर्जी पुणे स्थित मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूटन स्टार्टअप रिपोस एनर्जी के फाउंडेशन ने शुरुआती दिनों में बीते हुए कुछ यादों को करते हुए बताया कि हमारे यहां कैसे मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के एक फोन कॉल ने उसकी किस्मत को बदल कर रख दिया जो कि उसके जीवन का बहुत बड़ा पल था।


रतन टाटा ने मेरे इस स्टार्टअप में निवेश किया कुछ ही समय पहले रिपोस एनर्जी ने ऑर्गेनिक कचरे से संचालित एक मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक चार्जिंग व्हीलर लॉन्च किया है।


Ratan Tata की एक कॉल ने बदल दी Repos Energy की किस्मत, हिस्सेदारी से चमक उठी कंपनी देखें पूरी जानकारी


रिपोस एनर्जी कंपनी की शुरुआत कुछ साल पहले ही हुई


सूत्रों के मुताबिक कुछ साल पहले रिपोस एनर्जी को होती थी भोसले वालुंज ने और चेतन बालुंज ने इस कंपनी को लांच किया था। कुछ ही समय बाद ही उसे यह अनुभव हुआ कि इसको और आगे विकसित करने के लिए किसी मेंटर की जरूरत है।


वमेंटर ऐसा होना चाहिए कि वह पहले भी इस दिशा में व्रत किया हो तब जाकर उनके दिमाग में मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का नाम आया अतिथि ने रतन टाटा से मिलने में के लिए कई कोशिशें की लेकिन वह विफल रही फिर भी वह हार नहीं मानी।


इसके बाद अतिथि भोंसले वालुंज ने रतन टाटा से मिलने का सुझाव दिया और फिर चेतन ने उन्हें यह कहा वह कोई आम आदमी नहीं है कि कोई भी उनसे आकर मिल लें।


रतन टाटा से मिलने की आज तक भी नहीं छोड़ी अतिथि ने सोशल मीडिया प्लेट लिंकडइन पर एक पोस्ट में बताया कि हम दोनों को बिजनेस की कोई ट्रेनिंग नहीं लिया है ना ही इसका कोई ज्ञान है।


मैंने अपने जीवन में बहुत पहले एक बात की सीख ली थी। किसी भी एक नींव पर काम करने के लिए बहाना जरूर काम आता है जिससे उसके जीवन में असफलता का घर बनता है सब लोगों ने बताया कि रतन टाटा नहीं मिल सकते।


उनसे मिल पाना असंभव है लेकिन हमने कभी इस बात को बहाने के तौर पर लिया ही नहीं और ना ही मैंने फिर से इस विचार को भूल कर भी भूल नहीं पाया।


और अतिथि ने एक 3D प्रेजेंटेशन को लेटर के माध्यम से रतन टाटा को भेजा।


3D प्रेजेंटेशन  रेपोस एनर्जी ऐसे तकनीक का इस्तेमाल करके वक्ताओं के लिए किसी भी एनर्जी या क्यूल के डिसटीब्यूशन और उनके डिलीवरी तकनीक को बदलना चाहती है और 3डी प्रेजेंटेशन को लेटर के माध्यम से रतन टाटा के पास भेजा।


अतिथि ने रतन टाटा के घर बाहर 12 घंटे इंतजार भी किया और उसके बाद हमने कुछ सूत्रों के माध्यम से संपर्क किया जो रतन टाटा से उसका मुलाकात करवा सके फिर भी हमने रतन टाटा के घर के बाहर 12 घंटे का इंतजार भी किया लेकिन उससे मेरी कोई भी संपर्क नहीं हो पाई।


और थक हार कर वो करीब रात के 10:00 बजे अपने होटल को रिटर्न हो आ गए। तभी उसके मोबाइल में एक फोन कॉल आता है उस पल को याद करते हुए अतिथि ने बताया कि मैं उस वक्त फोन कॉल को रिसीव करने की इच्छा नहीं थी।


फिर भी उस कॉल को रिसीव किया और उसके तरफ से आवाज आई कि क्या हम अतिथि बंसल से बात कर सकता हूं मुझे तुम्हारा लेटर मिला है रतन टाटा बोल रहा हूं क्या हम मिल सकते हैं आप कौन बोल रहे हैं मैंने मुझसे पूछा और मुझे एहसास हो गया कि यह कॉल वही है जिसका वह काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे।


उस समय उन्हें समझ में नहीं आ रहा था वह क्या बोलें.अदिति भोसले वलुंज ने बताया कि वह स्तब्ध थीं, उनके रोंगटे खड़े हो चुके थे, आंखों से आंसू बह रहे थे और उसके मुख पर मुस्कान थी।


अदिति रेपोस एनर्जी की को-फाउंडर ने आगे लिखा, “कल दिन के सुबह 10.45 बजे उनके घर पहुंचे गई और अपना प्रजेंटेशन देने के लिए लिविंग रूम में उनका इंतजार कर रही थी . ठीक 11 बजे नीली शर्ट पहने एक लंबे और गोरे व्यक्ति हमारी ओर आते दिखे और हमें ऐसा लगा।

 

घड़ी की सारी सूइंया एक साथ जैसे बंद हो गई हैं. सुबह 11 बजे की बैठक दोपहर 2 बजे तक हुई और वे तीन घंटे हमारे लिए किसी वरदान के जैसे थे, जहां उन्होंने हमारे विचारों को सुना, और अपने अनुभव शेयर किए उन्होंने हमारा मार्गदर्शन किया.” Ratan Tata ने उनसे पूछा कि वह उनसे क्या उम्मीद करती हैं, 


इस पर अतिथि ने जवाब दिया, “सर, लोगों की सेवा करने और हमारे देश को वैश्विक बनाने के लिए हमारी कोशिशों को आपका साथ चाहिए। तो फिर Ratan Tata ने कहा- “ठीक है.”


रतन टाटा से पहला टोकन 2019 में पहला निवेश हासिल किया और अप्रैल 2022 में दूसरा निवेश


Tata Motors का हमारी मदद करने से लेकर, Ratan Tata से बातचीत तक उन्हें अपना पहला मोबाइल फ्यूल स्टेशन दिखाना और उन्हें फीडबैक पाना, 2019 में उनसे पहला टोकन निवेश हासिल करना और अप्रैल 2022 में दूसरा निवेश हासिल करना। यह सबकुछ बिना इस टीम के कभी संभव नहीं हो पाता.” मैं अपनी टीम का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं।

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